महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएँ

 महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएँ

भारत में महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएँ

  • महिला उद्यमियों के लिए लाभकारी मौद्रिक योजनाएँ …
  • TREAD (व्यापार-संबंधित उद्यमिता सहायता और विकास) योजना …
  • महिला शक्ति केंद्र …
  • महिला उद्यमियों के लिए महिला-ई-हाट …
  • स्त्री शक्ति …
  • अन्नपूर्णा योजना …
  • ओरिएंट महिला विकास योजना योजना …
  • मुद्रा योजना

प्रमुख मौद्रिक योजनाएँ

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण योजनाएँ दी गई हैं जो महिला उद्यमियों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई हैं:

1. मुद्रा योजना (Mudra Yojana)

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत, महिला उद्यमियों को छोटे व्यवसाय शुरू करने या मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करने के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत तीन श्रेणियां हैं:

  • शिशु: 50,000 रुपये तक का ऋण।
  • किशोर: 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का ऋण।
  • तरुण: 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का ऋण। यह योजना कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराती है और इसमें किसी भी प्रकार की गारंटी की आवश्यकता नहीं होती है।

2. स्टैंड-अप इंडिया योजना (Stand-Up India Scheme)

यह योजना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का ऋण उपलब्ध है। यह ऋण बैंकों द्वारा सीधे दिया जाता है, और इसमें कार्यशील पूंजी, संयंत्र और मशीनरी आदि के लिए फंडिंग शामिल है।

3. महिला उद्यम निधि योजना (Mahila Udyam Nidhi Yojana)

सिडबी (SIDBI) द्वारा संचालित यह योजना महिला उद्यमियों को छोटे और मध्यम उद्यम (SMEs) स्थापित करने में मदद करती है। इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध है, जिसका उपयोग व्यवसाय के आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी उन्नयन या नए उद्यम शुरू करने के लिए किया जा सकता है। यह योजना पुनर्भुगतान के लिए 10 साल तक का समय देती है, जिसमें 5 साल तक की अधिस्थगन अवधि (Moratorium Period) भी शामिल हो सकती है।

4. उद्योगिनी योजना (Udyogini Scheme)

यह योजना विशेष रूप से महिला उद्यमियों को अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करती है। इसमें 88 लघु उद्योगों को शामिल किया गया है। विधवा, निराश्रित और विकलांग महिलाओं जैसी विशेष श्रेणियों को अक्सर बिना ब्याज के ऋण मिलता है। कुछ मामलों में, ऋण पर 30% तक की सब्सिडी भी दी जाती है।

5. स्त्री शक्ति पैकेज (Stree Shakti Package)

यह योजना विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने या विस्तार करने के लिए रियायती ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करती है। इस योजना का लाभ उन महिला उद्यमियों को मिलता है जिनकी किसी भी व्यवसाय में 50% से अधिक हिस्सेदारी है।

6. अन्नपूर्णा योजना (Annapurna Scheme)

यह योजना उन महिला उद्यमियों के लिए है जो खाद्य कैटरिंग व्यवसाय में हैं। इसके तहत महिलाएँ अपने कैटरिंग व्यवसाय को स्थापित करने के लिए 50,000 रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकती हैं। यह ऋण बैंकों द्वारा दिया जाता है और इसका उपयोग उपकरण खरीदने, कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने आदि के लिए किया जा सकता है।

7. ट्रेड संबंधी उद्यमिता सहायता और विकास (TREAD) योजना

यह योजना उन महिलाओं के लिए है जो गैर-कृषि गतिविधियों में संलग्न हैं। यह उन्हें ऋण, प्रशिक्षण और परामर्श सहायता प्रदान करती है ताकि वे अपने सूक्ष्म उद्यमों को विकसित कर सकें। इसमें परियोजना लागत का 25% तक सॉफ्ट लोन के रूप में दिया जाता है, जो प्रति परियोजना अधिकतम 2.5 लाख रुपये तक हो सकता है।

8. महिला समृद्धि योजना (Mahila Samridhi Yojana)

यह योजना विशेष रूप से पिछड़ा वर्ग से संबंधित महिला उद्यमियों को सूक्ष्म वित्त प्रदान करती है। इसमें स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें प्रति SHG 15 लाख रुपये तक और प्रति लाभार्थी 1.25 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकता है।

9. महिला कॉयर योजना (Mahila Coir Yojana)

यह योजना विशेष रूप से कॉयर उद्योग में महिलाओं के लिए है। यह उन्हें कॉयर उत्पाद बनाने के लिए आवश्यक मशीनरी खरीदने में मदद करती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।


अन्य महत्वपूर्ण पहलें

  • महिला उद्यमिता मंच (Women Entrepreneurship Platform – WEP): नीति आयोग द्वारा शुरू किया गया यह एक एकीकृत पोर्टल है जो महिला उद्यमियों को ज्ञान साझा करने, मेंटरशिप, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच के लिए सहायता प्रदान करता है।
  • स्टार्टअप इंडिया (Startup India): भारत सरकार की यह पहल स्टार्टअप्स को बढ़ावा देती है, जिसमें महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके तहत फंडिंग के अवसर, नियामक सहायता और मेंटरशिप प्रदान की जाती है। स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम के तहत भी महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों के लिए फंडिंग के अवसर हैं।
  • क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE): यह योजना सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बिना किसी तृतीय-पक्ष गारंटी या संपार्श्विक के ऋण प्राप्त करने में मदद करती है, जिससे महिला उद्यमियों को भी लाभ होता है।

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