
किडनी हमारे शरीर की सेहत में एक अहम भूमिका निभाती है।
किडनी से जुड़ी परेशानियाँ अचानक शुरू नहीं होतीं।
ज़्यादातर लोग इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जब तक हालत गंभीर न हो जाए।
यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालती है, पानी और नमक का संतुलन बनाए रखती है,
ब्लड प्रेशर पर नज़र रखती है
और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करती है।
लेकिन अफसोस की बात यह है कि जब किडनी सही से काम करना बंद करने लगती है,
तब उसके शुरुआती संकेत अक्सर नजरअंदाज़ कर दिए जाते हैं या फिर उन्हें किसी साधारण समस्या समझ लिया जाता है।
क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) यानी “दीर्घकालिक किडनी रोग”,
शुरुआत में तो चुपचाप असर करता है,ले किन अगर इसके चेतावनी संकेतों को समय पर पहचान लिया जाए,
तो इसकी प्रगति को रोका जा सकता है
किडनी डिजीज, खासकर क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD), सिर्फ किडनी तक ही सीमित नहीं रहती
इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है।
किडनी हमारे शरीर में वेस्ट फिल्टर करने,
पानी और खनिजों का संतुलन बनाए रखने,
और जरूरी हार्मोन बनाने जैसे कई काम करती है। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर के कई हिस्सों पर उसका असर साफ दिखने लगता है।
5 कारण हैं कि क्यों और कैसे किडनी की बीमारी शरीर को प्रभावित करती है:
1. शरीर में ज़हर (वेस्ट) का जमा होना
जब किडनी कमजोर हो जाती है,तो वह खून को ठीक से साफ नहीं कर पाती।
इससे शरीर में टॉक्सिन्स (ज़हरीले तत्व) जमा होने लगते हैं।
- उल्टी या मतली
- भूख न लगना या मुँह में धातु जैसा स्वाद आना
- थकान, कमजोरी, और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
2. फ्लूइड और इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन
किडनी शरीर के पानी और नमक (electrolyte) का संतुलन बनाए रखती है।
लेकिन किडनी फेल होने पर शरीर में पानी जमा होने लगता है, जिससे सूजन और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- हाथ-पैरों में सूजन (Edema)
- फेफड़ों में पानी भरना (Pulmonary Edema)
- हाई ब्लड प्रेशर
- दिल की बीमारियाँ, हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा
3. हार्मोन में गड़बड़ी और एनीमिया
किडनी ऐसे हार्मोन बनाती है जो लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) और हड्डियों की मजबूती
के लिए जरूरी होते हैं। जब किडनी खराब होती है:
- एनीमिया (कमज़ोरी और थकावट का कारण)
- हड्डियों का कमजोर होना, फ्रैक्चर का खतरा
4. नर्वस सिस्टम पर असर
जब शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ जाते हैं और मिनरल का संतुलन बिगड़ जाता है, तो इसका असर दिमाग और नर्वस सिस्टम पर भी होता है।
- एकाग्रता में कमी, स्वभाव में बदलाव, या दौरे (seizures)
- नर्व डैमेज (Peripheral Neuropathy)
5. इम्यून सिस्टम कमजोर होना
किडनी डिजीज से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immune system) कमजोर हो जाती है,
जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही, हाई शुगर लेवल, नींद की कमी, डिप्रेशन और स्किन डैमेज जैसी समस्याएँ भी जुड़ जाती हैं।
समस्या से बचाव कैसे करें?
- समय रहते जांच कराएं, खासकर अगर आपको डायबिटीज़ या हाई ब्लड प्रेशर है।
- नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप कराएं।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं – संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और पर्याप्त पानी पिएं।
वो आम दवाइयाँ जो किडनी को नुकसान पहुँचा सकती हैं — और इनके सुरक्षित विकल्प
हम रोज़मर्रा की कुछ सामान्य दवाइयाँ बिना ज़्यादा सोच-विचार के ले लेते हैं,
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से कुछ दवाइयाँ आपकी किडनी को धीरे-धीरे नुकसान पहुँचा सकती हैं?
इस लेख में हम बताएंगे ऐसी आम दवाइयों के बारे में जो किडनी के लिए हानिकारक हो सकती हैं — और साथ ही उनके सुरक्षित विकल्प भी सुझाएंगे, जो आप डॉक्टर की सलाह से इस्तेमाल कर सकते हैं।
किडनी को नुकसान पहुँचा सकती हैं ये आम दवाइयाँ – जानिए सुरक्षित विकल्प
किडनी — शरीर के अंदर मौजूद दो बीज के आकार के अंग — हमारे रक्त को छानने का काम करते हैं और मूत्र प्रणाली (यूरीनरी सिस्टम) का एक अहम हिस्सा हैं। ये शरीर से विषैले पदार्थों और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालती हैं और हमारी सेहत को सही बनाए रखने में लगातार काम करती हैं।
लेकिन किडनी एक संवेदनशील अंग भी है, जो अगर कमजोर हो जाए तो गंभीर और जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकती है।
किडनी को नुकसान पहुँचाने वाले कई कारण हो सकते हैं, लेकिन उनमें से एक बड़ा कारण है — कुछ आम दवाइयों का लंबे समय तक या गलत तरीके से सेवन।
कुछ दवाइयाँ, जिन्हें नेफ्रोटॉक्सिक (Nephrotoxic) कहा जाता है, धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता को कम कर सकती हैं। वहीं, कुछ दवाइयाँ सीधा और गंभीर नुकसान भी पहुँचा सकती हैं।
किसी व्यक्ति को किडनी डैमेज का खतरा कितना है, यह उसकी स्वास्थ्य स्थिति और वह कौन-सी दवाइयाँ ले रहा है — इन दोनों बातों पर निर्भर करता है।